मर्यादा

कुछ मूर्ख आलोचक भगवान श्री राम की आलोचना कर रहे थे। कहते हैं क्या कितना कान का कच्चा था राम एक धोबी के कहने पे पत्नी का परित्याग कर दिया।

वो मूर्ख क्या समझे कि भगवान राम विष्णु का वो अवतार थे जिन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। वो संसार , चर -अचर, को ये संदेश दे रहे थे –

उच्च पदों पर आसीन लोगो का व्यवहार मर्यादित होना चाहिए, उसके लिए उन्हें कितना भी बड़ा बलिदान क्यों न देना पड़े, क्योंकि उन पदों पर आसीन लोगों का अन्य लोग अनुसरण करते हैं।